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Posted by: Pt. Ankit Shastri

काल सर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) के लक्षण क्या होते हैं?

काल सर्प दोष हिंदू ज्योतिष शास्त्र में एक ग्रह दोष है, जिसे कि धनु और मकर राशि के बीच बैठे सूर्य और चंद्रमा के कुछ स्थानों पर जब राहु और केतु बैठे होते हैं तो उत्पन्न होता है। काल सर्प दोष के लक्षण ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बहुत ही विशिष्ट होते हैं और उन्हें समझने में कुछ मुश्किलें हो सकती हैं।

काल सर्प दोष के लक्षणों में सबसे बड़ा लक्षण उस व्यक्ति का भाग्य होता है, जो इस दोष से प्रभावित होता है। इस दोष के कुछ लक्षण इस प्रकार होते हैं।

धन संबंधी समस्याएं – काल सर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) के प्रभाव में सबसे बड़ा लक्षण धन संबंधी समस्याओं का होता है। जैसे कि आय कम होना, बड़ी बड़ी खर्चों की जरूरत, उच्च ऋण और निवेश में नुकसान आदि।

संतान संबंधी समस्याएं – काल सर्प दोष के प्रभाव में संतान संबंधी समस्याएं भी होती हैं। जैसे कि बार बार गर्भपात होना, प्रसव में तकलीफ, बच्चों की समस्याएं आदि।

रोग संबंधी समस्याएं – काल सर्प दोष के प्रभाव में व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। व्यक्ति को निरंतर बीमार होने का सामना करना पड़ता है। व्यक्ति को विभिन्न प्रकार के रोग जैसे जुओं का काटना, त्वचा रोग, पेट संबंधी विकार, बार बार बुखार आदि से गुजरना पड़ता है।

व्यवहारिक समस्याएं – काल सर्प दोष के प्रभाव में व्यक्ति की व्यवहारिक समस्याएं भी होती हैं। व्यक्ति की मानसिक स्थिति बिगड़ती है, और उसे आत्मविश्वास की कमी होती है। यह दोष भयानक स्त्री-पुरुष संबंधों को बदल सकता है और लगभग सभी प्रकार की व्यक्तिगत रिश्तों को प्रभावित करता है।

विदेश यात्रा संबंधी समस्याएं – काल सर्प दोष के प्रभाव में व्यक्ति को विदेश यात्रा करने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस दोष के प्रभाव से व्यक्ति को विदेश यात्रा करने से पहले अच्छी तरह से जाँच करनी चाहिए। 

नौकरी संबंधी समस्याएं – काल सर्प दोष के प्रभाव में व्यक्ति को नौकरी संबंधी समस्याओं से भी जूझना पड़ता है। व्यक्ति को नौकरी में सफलता प्राप्त करने में कठिनाई आती है और उसे नौकरी संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

संतान संबंधी समस्याएं – काल सर्प दोष के प्रभाव में व्यक्ति को संतान संबंधी समस्याओं से भी गुजरना पड़ता है। इस दोष के प्रभाव से व्यक्ति को संतान प्राप्त करने में कठिनाई आती है और उसे संतान संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

मानसिक समस्याएं – काल सर्प दोष के प्रभाव में व्यक्ति को मानसिक समस्याएं भी होती हैं। इस दोष के प्रभाव से व्यक्ति को चिंता, तनाव, दुख, उदासी, असंतुलन, नींद नहीं आना आदि मानसिक समस्याओं से जूझना पड़ता है।

धार्मिक समस्याएं – काल सर्प दोष के प्रभाव में व्यक्ति को धार्मिक समस्याएं भी होती हैं।

काल सर्प दोष एक ऐसा रोग है जो कि व्यक्ति के जीवन में अनेक समस्याओं का कारण बनता है। इस दोष के चलते व्यक्ति को काफी तकलीफ होती है जो कि उसके जीवन को पूरी तरह से प्रभावित करती है। काल सर्प दोष को ठीक करने के लिए उज्जैन में एक विशेष पूजा की जाती है, जो व्यक्ति के जीवन में खुशहाली और समृद्धि लाने में मदद करती है।

उज्जैन शहर मध्यप्रदेश के पश्चिमी भाग में स्थित है। यह एक प्राचीन शहर है जिसे उज्जयिनी भी कहा जाता है। यहां पर एक विशेष मंदिर है जो कि काली माता को समर्पित है। इस मंदिर में काल सर्प दोष को ठीक करने के लिए एक विशेष पूजा की जाती है। इस पूजा में धूम्रपान, शबर मंत्रों का जाप और अन्य पूजा विधियों का अनुसरण किया जाता है। इस पूजा के माध्यम से लोग काल सर्प दोष को दूर करने की कोशिश करते हैं और वे उनके जीवन में समृद्धि और खुशहाली लाने में मदद करते हैं।

इस पूजा का मुख्य उद्देश्य निरंतर जीवन में सुख और समृद्धि लाना होता है। यह पूजा समस्त संसार में फैले नकारात्मक ऊर्जा को हटाने में सहायता करती है जिससे व्यक्ति निरंतर सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव करता है।

इस पूजा में अधिकतर ग्रहों के उपाय भी किए जाते हैं जैसे कि मंगल, बुध, शनि, शुक्र, सूर्य, चंद्रमा और गुरु आदि। इन ग्रहों के उपाय से भी काल सर्प दोष को ठीक करने में सहायता मिलती है।

इस पूजा के बाद अधिकतर लोगों को अनुभव होता है कि उनके जीवन में सुख, समृद्धि, सफलता और स्वस्थ रहने की संभावना बढ़ जाती है।

काल सर्प दोष पूजा उज्जैन (Kaal Sarp Dosh Puja Ujjain) में कई प्रकार से की जा सकती है, जिससे इसके खर्च की भी अलग-अलग राशि हो सकती है। यह पूजा अधिकतर पंडितों द्वारा की जाती है जो अपनी सेवाएं देते हैं और इसके खर्च भी विभिन्न पंडितों द्वारा निर्धारित किए जाते हैं।

पूजा के लिए खर्च की राशि: यह खर्च पूजा की विधि, आयोजन की स्थिति के आधार पर निर्धारित किया जाता है। इस खर्च की राशि 500 से लेकर 11,000 रुपए तक हो सकती है।

दान प्रदान की राशि: काल सर्प दोष पूजा के दौरान दान प्रदान करना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह दान शांति और सुख लाने के लिए किया जाता है। इस खर्च की राशि भी व्यक्ति के वित्तीय स्थिति और उनकी इच्छाओं के आधार पर निर्धारित की जाती है।

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